लेखनी प्रतियोगिता -16-Nov-2021- इस किनारे से उस किनारे तक
इस किनारे से उस किनारे तक,
बहुत कुछ देखा हमने ,
देखी हमने छोटी छोटी खुशियांँ,
देखी सबकी परेशानियांँ,
देखी बचपन की गलियांँ,
देखी जवानी की अठखेलियांँ,
देखी बुढ़ापे की बीमारियांँ,
देखी मंद मंद चलती हवा ,
देखी फूलों की मस्ती ,
देखी सपनों की प्यारी दुनिया |
इस किनारे से उस किनारे तक,
कितने डूब गए, कितने पार कर जाते ,
देखा नाव चलाता माँझी पतवार लिए,
देखा लोगों को नदियाँ पार ले जाते,
देखा तूफान आने का अंदेशा आते,
देखा नाविक कश्ती को बचाते ,
देखा प्रेम में प्रेमी-प्रेमिका को तर जाते ,
देखा भक्ति से भक्तों की नैया पार लग जाते ,
देखा जन्म से लेकर मौत तक का मऺजर ,
देखा गैरों को एहसान जताते |
इस किनारे से उस किनारे तक,
कितने डूब गए, कितने पार कर जाते ||
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Niraj Pandey
17-Nov-2021 10:22 AM
बहुत ही बेहतरीन
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Swati chourasia
16-Nov-2021 11:19 PM
Very beautiful 👌
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Shikha Arora
17-Nov-2021 12:51 AM
Thank u so much🙏🙏
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